दुर्गा कौन है ??? एक वैश्या
👉🏻 महिषासुर कौन है ??? एक मूलनिवासी राजा
👉🏻 दुर्गा मूर्ति बनाने के लिए बंगाल में वैश्या के घर से मिट्टी लाना जरूरी है | वैश्या की घर की मिट्टी के बिना दुर्गा की प्रतिमा पूजा योग्य नहीं मानी जाती है ।
👉🏻 अब यह प्रश्न उठता है कि दुर्गा की मूर्ति के लिए केवल वैश्या के ही घर की मिट्टी की जरूरत क्यों ??? इसके पीछे क्या रहस्य है ???
महिषासुर बंगाल के सावाताल अथवा संथाल में आदिवासियों का अत्यंत बलशाली राजा था । ब्राह्मण विदेशी इसके राज्य पर कब्जा करना चाहते थे, जिसके लिए कई बार युद्ध किया ।लेकिन ब्राह्मणों को हमेशा हार का ही मुँह देखना पड़ा
इतिहास गवाह है कि जिसे बल से नहीं जीता जा सकता है, उसे सुरा व सुंदरी के माध्यम से जीता जा सकता है ।वैसे ये ब्राह्मणों की ही शैतानी नीति है ।
कई बार हारने के बाद ब्राह्मण महिषासुर के शक्ति को समझ गये थे ।इसलिए सुरा सुंदरी वाले शैतानी नीति को अपनाया ।
ब्राह्मणों ने दुर्गा जो कि एक अत्यंत सुंदर वैश्या थी, को षड़यंत्र के तहत महिषासुर को अपने मायाजाल में फाँसकर हत्या करने के लिए भेजा ।
दुर्गा ने 8 रात सुरा पिलाते हुए, कई नाटक करते हुए महिषासुर के साथ बिताई । नौवे रात को मौका मिलते ही इस वैश्या ने महिषासुर की हत्या कर दी । इसीलिए दुर्गा की नवरात्रि मनाई जाती है ।
चूँकि दुर्गा वैश्या थी, इसीलिए वैश्या के घर से मिट्टी लाने का रिवाज आज भी है ।
मूलनिवासी राजा महिषासुर की हत्या दुर्गा ने किया जिससे ब्राह्मण उस राज्य पर कब्जा करने में कामयाब हुए ।इसलिए ब्राह्मणों ने मूलनिवासियों से उनके पूर्वजों की हत्यारिनी दुर्गा का पूजा ही करवा डाला।
भारत के मूलनिवासी लोग आँख, अक्ल और दिमाग के इतने अंधे हैं कि उसके बारे में जानने की जरूरत नहीं समझी । बिना जाने ही हत्यारों का पूजा करना शुरू कर दिया ।
👉🏻 महिषासुर कौन है ??? एक मूलनिवासी राजा
👉🏻 दुर्गा मूर्ति बनाने के लिए बंगाल में वैश्या के घर से मिट्टी लाना जरूरी है | वैश्या की घर की मिट्टी के बिना दुर्गा की प्रतिमा पूजा योग्य नहीं मानी जाती है ।
👉🏻 अब यह प्रश्न उठता है कि दुर्गा की मूर्ति के लिए केवल वैश्या के ही घर की मिट्टी की जरूरत क्यों ??? इसके पीछे क्या रहस्य है ???
महिषासुर बंगाल के सावाताल अथवा संथाल में आदिवासियों का अत्यंत बलशाली राजा था । ब्राह्मण विदेशी इसके राज्य पर कब्जा करना चाहते थे, जिसके लिए कई बार युद्ध किया ।लेकिन ब्राह्मणों को हमेशा हार का ही मुँह देखना पड़ा
इतिहास गवाह है कि जिसे बल से नहीं जीता जा सकता है, उसे सुरा व सुंदरी के माध्यम से जीता जा सकता है ।वैसे ये ब्राह्मणों की ही शैतानी नीति है ।
कई बार हारने के बाद ब्राह्मण महिषासुर के शक्ति को समझ गये थे ।इसलिए सुरा सुंदरी वाले शैतानी नीति को अपनाया ।
ब्राह्मणों ने दुर्गा जो कि एक अत्यंत सुंदर वैश्या थी, को षड़यंत्र के तहत महिषासुर को अपने मायाजाल में फाँसकर हत्या करने के लिए भेजा ।
दुर्गा ने 8 रात सुरा पिलाते हुए, कई नाटक करते हुए महिषासुर के साथ बिताई । नौवे रात को मौका मिलते ही इस वैश्या ने महिषासुर की हत्या कर दी । इसीलिए दुर्गा की नवरात्रि मनाई जाती है ।
चूँकि दुर्गा वैश्या थी, इसीलिए वैश्या के घर से मिट्टी लाने का रिवाज आज भी है ।
मूलनिवासी राजा महिषासुर की हत्या दुर्गा ने किया जिससे ब्राह्मण उस राज्य पर कब्जा करने में कामयाब हुए ।इसलिए ब्राह्मणों ने मूलनिवासियों से उनके पूर्वजों की हत्यारिनी दुर्गा का पूजा ही करवा डाला।
भारत के मूलनिवासी लोग आँख, अक्ल और दिमाग के इतने अंधे हैं कि उसके बारे में जानने की जरूरत नहीं समझी । बिना जाने ही हत्यारों का पूजा करना शुरू कर दिया ।
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