मंगलवार, 3 जनवरी 2017

धर्म को लात मरता हु

 मैं ऐसे धर्म को लात मरता हु

जिस धर्म में भगवान विष्णु ने सुवर का अवतार लिया हो ,फिर उसी धर्म में सुवर पलने वाले से छुवा-छूत  भेद भाव  क्यों  ?
जिस धर्म में बैल को भैस को , गधे  को ,बकरे को उल्लू को भगवान का दर्जा दिया जाता हो , फिर उसी धर्म में  एक मनुष्य को दूसरे मनुष्य से भेद भाव क्यों ?छुवा छूत की  भावना क्यों  ?
क्या यही है धर्म ?
क्या एक विशेष वर्ग की तुलना इन पशुओ से भी गिरी   हुई है ?
क्या कोई बता सकता है की मैं क्या गर्व करू , की मैं  हिन्दू  हु  ,
जिस धर्म में अपने ही लोगो को छोटी जाती का मन कर मंदिर में नहीं घुसने दिया जाता है ,
क्या मैं इस बात पे गर्व करू
खैर मुझे हिन्दू धर्म पे नहीं लेकिन मुझे दलित वर्ग का होने पे  गर्व है, जहा बाबा साहब जैसे व्यक्तित्व का जन्म हुवा हो । ऐसे धर्म को लात मरता हु

हमारी लड़ाई ब्राम्हण से नहीं - हमारी लड़ाई ब्राम्हण वाद से है हमारी लड़ाई जाती से नहीं  - हमारी लड़ाई जाती वाद से है कोई को उच्च  कोई  नीच बताने वाले हर समाज से है अछूतो से दान चढ़ावा ले लेकिन मंदिर में प्रवेश वर्जित बताने वाले रीती रिवाज से है  

हमारी लड़ाई हर एक बात से है जो हमें हमारे हक़ से बंचित करती है    

अरुण गौतम 

23 टिप्‍पणियां:

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  2. Better you fix the issues rather than putting such nasty comments. This is people generated and people like you are misusing baba saheb name. Baba was a great person however you didn't deserve anything. What you have done for society? You dont know anything about hinduism.

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  3. Are bhaduwa saala, Ager tohar baap bremar ho jayga to ky usse v laat marrga ....hmra dharm v avi beemar h usse illaz ki jrurt....laat marne ki,...smjha jaatiwaad ko dur kro...jaat se dur mt bhago.....smjha hrami

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  4. Are bhaduwa saala, Ager tohar baap bremar ho jayga to ky usse v laat marrga ....hmra dharm v avi beemar h usse illaz ki jrurt....laat marne ki,...smjha jaatiwaad ko dur kro...jaat se dur mt bhago.....smjha hrami

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