पापा पापा धरती किसने बनाई?
बेटा भगवान ने बनाई।
आसमान किसने बनाया?
भगवान ने।
भगवान ने।
सितारे किसने बनाए?
भगवान ने।
भगवान ने।
हमें किसने बनाया?
भगवान ने।
भगवान ने।
पेड़-पौधे कैसे उगते है?
भगवान की मर्जी से।
भगवान की मर्जी से।
लोग कैसे मरते है?
भगवान की मर्जी से।
भगवान की मर्जी से।
लोग पैदा कैसे होते है?
भगवान की मर्जी से।
भगवान की मर्जी से।
रोशनी कैसे मिलती है?
भगवान की कृपा से।
भगवान की कृपा से।
अँधेरा कैसे हो जाता है?
भगवान की इच्छा से।
भगवान की इच्छा से।
बेटा इतने सवाल मत पूछो , इस धरती पर, ब्रह्माण्ड में जो भी कुछ होता है सब भगवान की मर्जी से
होता है।
होता है।
एक दिन बच्चे के विज्ञान टीचर बच्चे के घर आते है। देखिये वर्मा जी, आपका बच्चा पढने में बहोत कमजोर है , पढ़ाई-लिखाई में ध्यान ही नहीं देता है।
टेस्ट में सवाल पूछा गया ,
बल्ब रौशनी कैसे देता है?
जवाब में लिखा, भगवान की मर्जी से।
बल्ब रौशनी कैसे देता है?
जवाब में लिखा, भगवान की मर्जी से।
टेलीफोन किसने बनाया?
भगवान ने बनाया।
भगवान ने बनाया।
धरती पर दिन और रात कैसे होते है?
भगवान की मर्जी से।
भगवान की मर्जी से।
माफ़ कीजिये बताते हुए अच्छा तो नहीं लग रहा लेकिन
आपका लड़का फेल हो गया है।
आपका लड़का फेल हो गया है।
वर्मा जी ने गुस्से से कांपते हुए लड़के को बुलाया , डांटते हुए, क्यों बे? हमारे लाड-प्यार का नाजायज फायदा उठाता है, पढ़ाई-लिखाई में दिमाग क्यों
नहीं लगाता है? और दो तमाचे रसीद करते हुए बोले,
कमबख्त फेल हो जाएगा तो जिन्दगी में क्या करेगा?
और बेचारा बच्चा समझ ही नहीं पाया कि उससे
गलती कहाँ हुई?
नहीं लगाता है? और दो तमाचे रसीद करते हुए बोले,
कमबख्त फेल हो जाएगा तो जिन्दगी में क्या करेगा?
और बेचारा बच्चा समझ ही नहीं पाया कि उससे
गलती कहाँ हुई?
काश! वर्मा जी ये समझ पाते कि बच्चे की जिज्ञासा को
अगर वो भगवान से तुष्ट न करते, तो बच्चा उन सवालों के जवाब विज्ञान में ढूंढता।
अगर वो भगवान से तुष्ट न करते, तो बच्चा उन सवालों के जवाब विज्ञान में ढूंढता।
उस बच्चे की सारी कल्पनाएं , जिज्ञासाएं ,
खोजी प्रवृत्ति तो एक भगवान पर आकर ही खत्म हो
गयीं, भला इसमें उस बच्चे की क्या गलती
है जो उसे विज्ञान की समझ न आई ?
खोजी प्रवृत्ति तो एक भगवान पर आकर ही खत्म हो
गयीं, भला इसमें उस बच्चे की क्या गलती
है जो उसे विज्ञान की समझ न आई ?
क्या आप भी चाहते है कि आपके बच्चे फ़ैल हो ?
नहीं ना ?
तो फिर आपके बच्चों को विज्ञान की कहानियां सुनाओ... देवी-देवता और भगवान की नहीं ! उन्हें विज्ञान का रहस्य समझाओ, जूठी-मुठी कहानिया नहीं।
उन्हें तर्क करना सिखाओ...
नहीं ना ?
तो फिर आपके बच्चों को विज्ञान की कहानियां सुनाओ... देवी-देवता और भगवान की नहीं ! उन्हें विज्ञान का रहस्य समझाओ, जूठी-मुठी कहानिया नहीं।
उन्हें तर्क करना सिखाओ...
विज्ञान को धर्म बनाओ... आपका बच्चा अवश्य तरक्की करेगा।
अपना विकास स्वयं करो, आपका उद्धार आपको खुद ही करना होगा।
अप्पो दीपो भव
#अंधश्रद्धा भगाओ, देश बचाओ...
बहुत अच्छे ढंग से आपने स्पष्ट किया है , थैंक्स
जवाब देंहटाएंThanks a lot.... really very nice
जवाब देंहटाएंRight think
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