सोमवार, 29 अक्तूबर 2018

ये आस्था है या फिर अंधविस्वास 

मुझे मुझे नहीं पता हां इतना तो पता है कि आस्था ही अंधविस्वास है, दुनिया वाले कहते है की इस दुनिया को भगवान ने बनाया है लेकिन ऐसा बिल्कुल नहीं है हम सब ने भगवान को बनाया है, आज तक किसी ने नहीं नहीं देखा है भगवान को इंशान को बनाते हुए, हां लेकिन इंशान को भगवान को बनाते हुवे सभी ने देखा है,ये कैसा अंधकार छाया है लोग अपनी आँखों से देखि बात को नहीं मानते लेकिन किसी मुर्ख के कहने कुछबताने पे तुरंत मान जाते है, क्यों की अंधकार को फैलाने के लिये लोगो के दिलो में डर पैदा कर दिया गया है कि तुम नर्क में जाओगे और तुम शवर्ग में , मुझे समझ में नहीं आता की आखिर शवर्ग है कहाँ क्या किसी ने देखा है जड़ा सोचो लोग चाँद पे जा सकते है तो शवर्ग होता तो क्या वहां हमारे वैज्ञानिक नहीं पहुच जाते ,चलिये मैं मान लेता हूं कि शवर्ग है फिर लोग क्यों कहते है कि दुनिया भगवान के मर्जी से चलती है, हिंदू धर्म के ग्रन्थों में भी लिखा है की भगवान के मर्जी के बिना पत्ता भी नहीं हिलता है , अगर हमारी सारी क्रियाये भगवान ही करता है तो हम क्या करते है, फिर शवर्ग और नर्क की स्थापना किस लिए की गयी है ,फिर किस लीए  शवर्ग और काहे का नर्क , जब सब कुछ भगवान करते है तो पाप कौन करता है, कुछ मूर्खो का मानना है कि हमें उस जनम की सजा इस जनम में मिलती है और इस जनम की सजा उस जनम में मिलेगी, आखिर कैसी सजा है ये जिस जन्म के बारे में हम कुछ नहीं जानते उस जन्म की सजा कैसी ! बिना गुनाह बातये सजा देने सबसे बड़ा पाप है, क्या आप का भगवान पापी है,कुछ मूर्खो का मानना है की इस दुनिया को भगवान ने बनाया है, अगर ऐसा होता तो नेपाल में भूकंप नहीं आता नाजाने कितने लोग अनाथ और बेघर हो गए, जो बना सकता है वो बिगाड़ नहीं सकता है,अंधकार से निकलो नहीं तो ईस अँधेरे में खो जावोगे और दुनिया कैसी है कभी देख नहीं पाओगे क्यों की अंधेरे में कुछ नहीं दिखाई देता हैं,गौतम बुद्ध ने 5 हजार साल पहले कहाँ था दुनिया स्वेम से स्वचलित है इसे कोई संचालित नहीं कर रहाहै, भगवान का कोई आस्तित्व नहीं है यही सत्य है,भगवान पे आश्था रखने वाले लोग मानशिक रोगी है और ये रोग भारत में चर्म शिमा में फैला हुवा है, और सबसे मुर्ख तो मुझे इशाई लोग लगते है उनकी बाइबल जब मैं पड़ा तो मेरी हशी का ठिकाना नहीं रहा , वो लोग बोलते है की इशाई बन जाओ नहीं तो नरक में जाओगे अरे मूर्खो मुझे इशाई बनान होता तो तुम्हारा गोड मुझे इशाई धर्म में पैदा करता ,तुम्हारे बाइबल और हिन्दू  धर्मरो के गर्न्थो की हिसाब से दुनिया को भगवान ने बनाया है इस धरती पे जो हो रहा है सब वो ही करता है मुझे के बात बिलकुल समझ में नहीं आती है की फिर उसने मुझे नास्तिक क्यों बना दिया मेरे अंदर उससे तर्क करने की शक्ति कहा से मिली है ,
       देखा जाये तो जीतन भी धर्म है वो अपने सम्रदाय को बढ़ाने के लिए सभी सम्प्रदाय के लोगो ने एक काल्पनिक किताबे लिखी है जिसमें  डर दिखाया गया है ताकि उस डर से लोग उस सम्प्रदाय जुड़े  रहे ,लेकिन इससे बहुत ही बुरा असर पड़ा है समाज पे हम किस और जा रहे है कुछ पता नहीं है करोडो अरबो रूपये देश का अंधकार की आग में हर रोज जल रहा है ,पड़े लिखे लोग इसका बढ़ावा दे रहे है , भारत की राजनीती धर्म और जाती पे ही टिकी है , अगर जाती और धर्म को हटा दिया जाये तो भारत की राजनीती में एक नया सवेरा हो जाइएगा जिससे सबको फायदा होगा ,आप सोचते होंगे वो कैसे चलिए मैं आप को बताता  हु कैसे बहुत ही सिंपल सा लॉजिक है ,

   जाती धर्म से राजनीती पे दुष्प्रभाव  :-

   
आज जब भी कोई उमीदवार चुनाव में खड़ा होता है तो सबसे पहले उसकी जाती देखि जाती है चाहे वो कैसा भी हो गुंडा हो चोर हो इससे कोई मतलब नहीं हमारी जाती का है हमें सपोर्ट करना है यही बात सबके दिमाग में होती है ,सबको पता होता है की वो जितने के बाद हमें ही सपोर्ट करेगा ,और ऐसा ही होता है वो जितने के बाद अपने ही जाती के लोगो को सपोर्ट करता है और उन्ही का विकाश करता है बाकि सभी जातीय  5  शाल के लिए पीछे हो जाती है उनका विकाश रुक जाता है ,भारत कहके लिए एक देश है लेकिन देखा जाये तो सब अलग अलग है मैं नहीं मानता की की भारत एक देश है ,
   अगर जाती और धर्म को हटा दिया जाये तो जब भी कोई नेता चुनाव में खड़ा होगा  तो लोग सबसे पहले  उसका  बैकग्राउंड  देखेंगे की कही वो गुंडा बदमास  चोर  बदमास तो नहीं   है  , क्यों की जाती तो रहेगी ही नहीं जिससे उसकी पहचान होगी की वो किस सम्प्रदाय का है ,और वो सबकी भलाई करेगा क्यों की सब एक जैसे नजर आएंगे क्यों धर्म  नहीं रहेगा 
       अगर आप को मेरे बिचार सही लगे तो निचे टिपड़ी करे   
महानास्तिक - अरुण गौतम (8933861601)

बुधवार, 8 नवंबर 2017

आज का दलित क्या कर रहा है ?

दोस्तो ये लेख पढ़ के आप को बहुत ही गुस्सा आएगा ,क्योंकि ये सत्य है और सत्य कड़वा होता है।
लेकिन सत्य से भागना नहीं है पूरे लेख को बहुत ही ध्यान से पढ़िए, क्योंकि इस लेख को किसी एक इंसान ने नही बल्कि आज के समय के सोशल मीडिया एक्सपर्ट अम्बेडकर टीम द्वारा बहुत ही अनुभव और गहराई से हमारे समाज के हालात और हालत को इस लेख में ब्यान किया है।
तो आइए जानते हैं कि आज हमारा दलित समाज किस ओर जा रहा है और क्या कर रहा है....
1- आज का दलित मंदिरों में जाकर घंटा बजा रहा है और प्रसाद के लिए लाइन खड़ा है।
2- आज के दलित लड़के WHATSAPP, FACEBOOK पर SELFIE GROUP और शायरी GROUP मे घुसे बैठे हैं।
3- आज का दलित चौपाल में बैठ कर मनुस्मृति चाट रहा है और उसी चौपाल में ऊंचे स्थान पर बैठे किसी हरामी मनुवादी के गुणगान गा रहा है।
4- आज की दलित औरतें वर्त रखने में और पूजा पाठ में व्यस्त हैं।
5- आज का दलित अपने बच्चे को स्कूल नहीं भेजेगा लेकिन मंदिर जरूर भेजेगा है।
6- आज का दलित भीम सभा का गठन नहीं करेगा लेकिन ऑर्केस्ट्रा का प्रोग्राम जरूर करेगा।
7- आज का दलित युवा बाबा साहब की पोस्ट SHARE या LIKE नहीं करेगा लेकिन लड़की के नाम से बनी FAKE I'd वाले लड़के से बात जरूर करेगा।
8- आज का दलित मनुवादियों से मिलकर अपने ही पूर्वजों को जलाकर खुश होता है।
9- आज का दलित अपने ही लोगों को पीछे खींचने मे लगा हुया है।
10- आज का दलित युवा मनुवादियों के साथ मिलकर अपने ही समाज की बहू बेटियों पर टिप्पणी करता है।
11- आज का दलित दारू जरूर पियेगा घर के चूल्हे मे आग जले ना जले, दारू जरूरी है।
12- आज का दलित मनुवादीयों के तलवे चाटते रहता है और उसी में खुश रहता है।
13- आज का दलित जागरूक करने वाले को ही गालियाँ निकालता है।
14- आज का दलित अपने समाज के लिए कुछ अच्छा करने या समझने में कोई रूचि नहीं रखता।
15- आज का दलित अपने समाज के साथ नीचे नहीं बैठेगा लेकिन दारू पीकर गालियों में नालियों में गिर जाएगा।
16- आज का दलित लड़की से काम करवाएगा, उसको मंदिर लेके जाएगा लेकिन स्कूल नहीं जाने देगा।
17- आज का दलित अम्बेडकर जी, ज्योतिबा फुले, रविदास, बाल्मीकि, बुद्ध जैसे महान लोगों को अपना आदर्श नहीं मानेगा लेकिन फिल्म अभिनेता, अभिनेत्रीयों और काल्पनिक भगवानों को अपना सब कुछ मानेगा।
18- आज के दलित कुछ लेना देना नहीं माँ बाप भाई बहन बीवी बच्चों और समाज से लेकिन वो मनुवादियों की बैठक में गप्पें हाँकने जरूर जाएगा।
19- आज का दलित सही और गलत को जान लेने के बावजूद भी इस पर ध्यान नहीं देगा।
20- आज का दलित ख़ुद पर विश्वास नहीं करेगा लेकिन काल्पनिक भगवानों के चमत्कार का हर रोज इंतजार करेगा।
21- आज का दलित अपने ही समाज के लोगों को तरक्की करते हुए नहीं देख सकता और जब किसी दलित को नौकरी मिल जाती है तो वो अपने ही दलित भाइयों को कीड़े मकौड़े समझता है।
22- आज का दलित चुनाव के समय दारू पीकर जा किसी और लालच में आकर कहीं भी वोट डाल देता है और बाद दाल के भाव बढ़ जाने पर रोता है।
23- आज के दलित से वोट लेने के बाद विपक्ष के नेता दलित को धरना प्रदर्शन करने के लिए कहते हैं क्योंकि विरोध नहीं होगा तो लोग सोचेंगे कि सभी नेता मिले हुये हैं।
24- आज का दलित 5 साल मौजूदा सरकार द्वारा लूटा जाता है और बाकी की कमी पुलिस द्वारा धरने पर बैठे दलित की हड्डियाँ तोड़ कर पूरी कर देती।
25- आज का दलित बाबा साहब की वजह से नौकरी प्राप्त करता है लेकिन चापलूसी मनुवादियों की करता है।
26- आज का दलित अपने समाज के लोगों के खिलाफ दाज दहेज के लिए कोर्ट तक चला जाएगा लेकिन मनुवादी इसका घर भी जला दे तो अवाज तक नहीं उठाता और अगर कोई अवाज उठाता भी है तो उसका साथ नहीं देता।
27- आज का दलित जादू टोना में ही सब कुछ ढूंढता है,
घर का राशन भले ही ना हो लेकिन जादू टोना के लिए, जागरण के लिए पैसे कहीं से भी ले आएगा।
28- आज का दलित धर्म और बाबा बदल बदल कर देखता हैं कि किस धर्म में या किस बाबा के पास जाने के बाद घर के हालात सुधरते हैं।
29- आज का दलित युवा मनुवादियों का सत्कार करेगा और अपने बुजुर्गों के साथ कुत्तों की तरह भौंकेगा।
30- आज का दलित ख़ुद का आधार कार्ड भले ही अप्लाई नहीं करना जानता लेकिन सारे वेदों का ज्ञाता है।
31- सरकारी दफ्तरों में अफसरों के सामने भले ही इसकी जुबान ना चले लेकिन बीवी को पीटने और गालियाँ देने में इसका कोई मुकाबला नहीं है।
32- आज का दलित अपने समाज में भले ही किसी की बीमारी में भी उसका साथ ना दे लेकिन मनुवादियों के लिए दिन रात चापलूसी करता है।
33- आज का दलित युवा आशिक भी है और शादी हो ना हो उस से लेकिन लड़की को महंगे महंगे GIFT जरूर देगा भले ही घर में दो दिन चूल्हा ना जले।
34- आज का दलित युवा मेहनती भी है, लड़की की हर पोस्ट पर LIKE, COMMENT और SHARE करना अपना फर्ज समझता है बस शर्त ये है कि लड़की POST पे बोल दे कि SHARE करो तो अपना नंबर दूँगी।
35- आज का दलित रात रात भर मोबाइल पर लड़कियों से बात करता है लेकिन मां बाप का हाल चाल पूछने के लिए वक़्त नहीं है।
36- आज का दलित काल्पनिक भगवानों की मूर्ति पूजा और मूर्ति स्थापित करने के लिए जी जान एक कर देगा लेकिन अपने घर में उसकी फोटो तक नही लगाएगा जिसकी वजह से दो वक़्त की रोटी का जुगाड़ हुआ।
37- आज का दलित काल्पनिक भगवानों के दर्शन करने के लिए हजारों मील की यात्रा करेगा लेकिन किसी बहु बेटी की इज़्ज़त बचाने के लिए एक कदम आगे नहीं आएगा।
38- आज का दलित मनुवादी के गलती करने पर उसका साथ देगा और जब अपने समाज के किसी भाई से अनजाने में भी गलती हो जाए तो भी ये मनुवादी का ही साथ देगा, तालियाँ।
39- आज का दलित ज्ञान विज्ञान पर विश्वास न करके चमत्कार की उम्मीद में ही अपना सारा जीवन व्यतीत करता है।
40- आज का दलित धोखे में रह कर जीना चाहता है वो शुरूआत करने से डरता है कि कहीं मेरे अपने ही उसका साथ ना छोड़ दें।
        लेकिन एक बात समझ नहीं आई के मेरा दलित भाई आज तक किसी डेरे का बाबा या नेता क्यूँ नहीं बन सका ?
    दोस्तो बहुत सी बातें ऐसी है जो ये दलित रोज करता है अगर लिखते जाएँ तो एक और ग्रंथ तैयार हो जाएगा।
    हम किसी की बेबस जिंदगी और जख्मों को कुरेदना नहीं चाहते इस पोस्ट के जरिए लेकिन समय की नजाकत को समझिए और जागरूक हो जाईये।
  बहुत दुख होता है जे सोचकर कि जो कभी इस देश के राजा महाराजा हुआ करते थे वो आज शूद्र कहलाते हैं, हम अपने ही देश में नौकर बनकर बैठे हैं।
   हम हर कदम हर जगह हर मोड़ पे आपका साथ देने के लिए तैयार है लेकिन आपको भी अंधविश्वास जैसी परंपरा को तोड़ कर वास्तविक जीवन में प्रवेश करना होगा।
आने वाली पीढ़ियों के बारे में सोचिये, क्या होगा उनका जो अभी से इतना बुरा हाल है इस दलित समाज का, सरकारों के भरोसे ना बैठे, कोई कुछ नहीं करेगा अगर आप ही हिम्मत हार जाएँगे।
आपसी तनाव को दूर करें और मिलकर सामने आयें और एक मूलनिवासी राष्ट्र का निर्माण करें।
डॉ अंबेडकर राष्ट्रीय कमेटी आपके सहयोग के लिए सदैव तत्पर है।
धन्यवाद
नमो बुद्धाय
जय ज्योतिबा फूले जी
जय भीम जय मूलनिवासी जय भारत
SHARE रुकना नहीं चाहिए अगर आप सच में दलित समाज का भला चाहते हैं।
Social Media Experts Ambedkar Team

शुक्रवार, 22 सितंबर 2017

2025 की झलक

दोस्तो इस पाखण्डवाद और अंधकार के कारण कही हमारी आने वाली पीढ़ी हमे मूर्ख न समझ ले क्यो की आने वाला टाइम वेद शास्त्रो का नही विज्ञान का होगा , आइए हम आप को 2025 में ले चलते है।

शिक्षक:- राम एक महान पुरूष था।
छात्र:- क्या राम सचमुच था?
शिक्षक:- हाँ , बाल्मीक ने रामायण में संस्कृत भाषा में लिखा है।
छात्र:- गुरूजी! संस्कृत भाषा का परिचय 1500ई.पू. रिगवैदिक और उत्तर वेदिक काल में मिलता है इससे पहले भारत में पाली भाषा को बताया गया है।
तो राम कौन सी भाषा बोलते थे।
शिक्षक:- यह आज तक किसी ने नहीं बताया।
छात्र:- यह कहानी कितनी पुरानी है?
शिक्षक:- बेटा.... यही कोई लाखों वर्ष पूर्व।
छात्र:- गुरूजी, जो डायनासोर के अवशेष मिलें हैं वो 66मिलियन (1मिलियन= दस लाख)वर्ष पुराने है।
छात्र:- क्या राम को डायनासोर खा गये?
छात्र:- और यदि राम के जामाने में नगरीय सभ्यता थी तो उसके अवशेष अभी तक क्यों नही मिलें है?
छात्र:- विज्ञान के अनुसार मानव 50,000ई.पू. चिम्पैन्जी पाये गये और 40,000ई.पू. मानव चलना सीखा।
छात्र:- 40,000ई.पू. मानव का कोई अस्तित्व नहीं था।
तो लाखों वर्ष पहले नगरीय सभ्यता, राम,विष्णू, ब्रम्हा, ये कैसे पैदा हो गये।
शिक्षक:- बोल लो बेटा पर आगें नहीं बोल पाओगें क्योकि तुम लोग बहुत तार्किक हो गये हो लेकिन BJP, RSS, बजरंग दल, तुम लोगों की शिक्षा पर रोक लगाने का संकल्प ले लिया है।
Editor - Arun Gautam

मंगलवार, 25 जुलाई 2017

श्रवण कुमार झुठा काल्पनिक पात्र है,

...कई लोग समझ नही पाये है अभी तक
ये श्रवण कुमार कहा ले जा रहा था अपने माता पिता को?
देखो मजे की बात है ,
मैं इस लिये कह रहा हूँ
जैसे राम रामायण एक काल्पनिक किताब है वैसै ही झुठ पाखण्ड का ये भी एक काल्पनिक पात्र है श्रवण कुमार ,
वो कैसे,
वही लोग कहते और लिख भी रखे है,
श्रवण कुमार अपने माता पिता को चार धाम की यात्रा करवाने ले जा रहा था,
ये झुठ है क्योकि चार धामो की स्थापना तो अभी छटी शताब्दी मे शकंराचार्य ने किया है,
जो सर्व विदित है, अंकित है चारधामो के शिलालेखो पर लिखा हुआ है,
रही बात राम मन्दिरो की तो राम के मरने के बाद बने है
राम मन्दिर, ईन लोगो के हिसाब से ही,
और जब श्रवण कुमार जा रहा था माता पिता को लेकर उस समय राम वनवास मे गया हुआ था,
कृष्णा का जन्म नही हुआ था, तो मथुरा, गोकुल, वृंदावन ही नही था,
तो वो श्रवण कुमार जा कहा रहा था,
ये कैदार ऩाथ बद्रीनाथ, काशी विश्वनाथ, रामेश्वरम् ये तो सब बाद मे बने है, छटी शताब्दी में,
तो ये जा कहा रहा था ये तो ही समझने की बात है, सोचो जानो परखो। हम लोगो जैसे बताया जाता है हम वैसे ही मान लेते है, चितंन मनन नही करते, ये बात हमारे पुर्वज पढे लिखे होते तो जरुर सोचते जॉचते, लेकिन आज तो हम शिक्षित है, तो सोच समझ कर मानो,
श्रवण कुमार झुठा काल्पनिक पात्र है,

बुधवार, 12 जुलाई 2017

शुद्रो को उनकी औकात

ये पोस्ट उन शुद्रो को उनकी औकात बताने के लिये समर्पित है जो ब्याज पर कर्जा लेकर कांवर ढोते है, रामायण/महाभारत का तो कीर्तन पाठ करवाते है पर सम्मानित जीवन जीने का अधिकार देने वाले संविधान को नही पढ़ते , अपनी गुलामी की बेड़ियों को खुद मजबूत करते है और फर्जी सीना फुलाकर घूमते है...

शूद्र(obc sc st) की हिन्दू धर्म में क्या हैसियत है ???

1 - यह जो ब्राम्हण, क्षेत्रीय, वैश्य व शूद्र जो विभाजन है वह मेरा द्वारा ही रचा गया है।

- गीता 4-13

2 - मेरी शरण में आकर स्त्री ,वेश्य , शूद्र भी जिन कि उत्त्पति पाप योनि से हुइ है  परम  गति को प्राप्त हो जाते है। भगवत गीता 9-32

3 - शूद्र का प्रमुख कार्य तीनो वर्णो की सेवा करना है।
- महाभारत  4/50/6

4 - शूद्र को सन्चित धन से स्वामी कि रक्षा करनी चाहिये। -  महाभारत 12/60/36

5 - शूद्र तपस्या करे तो राज्य निर्धनता में डूब जायेगा।
- वाo .रामायण 7/30/74

6- ढोल .गवार .शूद् पशु नारी  |
सकल ताड़ना के अधिकारी ||
- रामचरित मानस 59/5

7- पूजिये विप्र सील गुन हीना, शूद्र न गुण गन ग्यान प्रविना।
-रामचरितमानस 63-1

8- वह शूद्र जो ब्राम्हण के चरणो का धोवन पीता है राजा उससे कर TAX न ले।
- आपस्तंबधर्म सूत्र 1/2/5/16

9 - जिस गाय का दूध अग्निहोत्र के काम आवे शूद्र उसे न छुये।  कथक सन्हिता 3/1/2

10- शूद्र केवल दूसरो का सेवक है इसके अतिरिक्त उसका कोइ अधिकार  नही है।
- एतरेय ब्राम्हण 2/29/4

11- यदि कोइ ब्राम्हण शूद्र को शिक्षा दे तो उस ब्राम्हण को चान्डाल की भाँति त्याग देना चाहिये।
- स्कंद पुरान  10/19

12 - यदि कोइ शूद्र वेद सुन ले तो पिघला हुआ शीशा, लाख उसके कान में डाल देना चाहिये।
यदि वह वेद का उच्चारण करे तो जीभ कटवा देना चाहिये। वेद स्मरण करे तो मरवा देना चाहिये।
गौतम धर्म शूत्र 12/6

13 - देव यज्ञ व श्राद्ध में शूद्र को बुलाने का दंड 100 पर्ण।
विष्णु स्मृति 5/115

14 - ब्राम्हण कान तक उठा कर प्रणाम करे, क्षत्रिय वक्षस्थल तक, वैश्य कमर तक व शूद्र हाथ जोड़कर एवं झुक कर प्रणाम करे।
आपस्तंब धर्म शूत्र 1,2,5,/16

15 - ब्राम्हण की उत्पत्ति देवता से, शूद्रो की उत्पत्ति, राक्षस से हुइ है।
तेत्रिय ब्राम्हण 1/2/6/7

17 - यदि शूद्र जप ,तप, होम करे तो राजा द्वारा दंडनिय है।
गौतम धर्म सूत्र  12/4/9

17- यज्ञ करते समय शूद्र से बात नहीं करना चाहिये।
शतपत ब्राम्हाण 3;1/10

18- जो शूद्र अपने प्राण, धन तथा अपनी स्त्री को, ब्राम्हण के लिए अर्पित कर दे ,उस शूद्र का भोजन ग्राहय है।
विष्णु पुराण 5/11

👉महाभारत"कहती है - शूद्र राजा नहीं बन सकता।

👉"गीता" कहती है - शूद्र को ब्राह्मण क्षत्रिय और वैश्यों की गुलामी करनी चाहिए ।

👉"रामायण" कहती है - शूद्र को ज्ञान प्राप्त करने पर मृत्युदंड मिलना चाहिए ।

👉"वेद" कहते है कि शूद्र ब्रह्मा के पैरोँ से पैदा हुआ है इसिलिये वो नीच है ।

👉"मनुस्मृति" के अनुसार - शूद्र का कमाया धन ब्राह्मण को बलात् छीन लेना चाहिए ।

👉"वेद" कहते है - शूद्र का स्थान ऊपर के तीनों वर्णों के चरणों में है।

👉"पुराण" कहते हैं - शूद्र केवल गुलामी के लिए जन्म लेते हैं ।

👉"रामचरित मानस" कहती है - शूद्र को पीटना धर्म है ।

फिर भी एक सहनशील "शूद्र" अब भी इन हिंसक धर्म ग्रंथो और इन देवी देवताओं को सीने से लगाए फिरता है ।
जो कि घोर मूर्खता के अलावा कुछ नही -

-   दिखावे पे मत जाओ- अपनी अकल लगाओ     -

#जय_भीम
#जय_संविधान