सोमवार, 26 जून 2017

स्वभिमान बाकी है तो ख़ड़े हो जाओ

मौर्यवंश के अनीतिम राजा ब्रहद्रथ की धोखे हत्या करके राजा बना ब्राह्मण पुष्यामित्रशङ्ग ने मनु के नाम से नीचता शोषड़ अपमान अछूत बंचित व घृणा की गंदी गुलामी का संविधान लिखा ,,,,, मनुस्मृति,,,,, और तलवार की दम पर थोप दिया मूलनिवासियो पर। इसी गनदगी को सिद्ध करने के लिए तमाम झूठी झूठी कहानिया लिख दी।
जिनका सीधा मतलव था है कि मूलनिवासी और समस्त औरत जात को नीच कुजात अछूत बंचित घृणित सिद्ध किया जाए। और ब्राह्मण को पूज्य, श्राप व वरदान का मालिक, भगवान का बाप या गुरु तथा दान मान का मालिक सिद्ध किया जाए। साथ ही कही कही क्षत्रिय व वैस्य को भी डाल दिया जिससे यह सिद्ध हो कि ये तो ब्राह्मण के पैर छूकर मूलनिवासी को शोषड़ करने व ब्राह्मणों को दान देने के लिए बने है।।।।।।
बस यही सिद्धांत उन कहानियों का आपके असली पुराजो के ऊपर हरामियो ने अपने नकली पूर्बजों को वैठा दिया।।।।।
आपके पूर्बजों को राक्षश पापी व अत्याचारी बता दिया और अपने नकली काल्पनिक बाप को देवता भगवान बनाकर थोप दिया।।।।।
पहले तो आपके पास यह अधिकार ही नही था कि आप विरोध कर पाते। लेकिन आज आप समर्थ है, आपके पास संविधान है, वोट का अधिकार है, संख्याबल भी है। फिर भी गनदगी जीवित है। ।।।
अगर आपमि जरा सा स्वाभिमान बाकी है तो खड़े हो जाओ और अपने पूर्बजों के माथे पर हरामियो द्वारा लगाया गया नीचता के कलंक का टीका मिटा दो। जला दो हरामियो की लिखित में थोपी गयी गनदगी।

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