सोमवार, 29 अक्तूबर 2018

ये आस्था है या फिर अंधविस्वास 

मुझे मुझे नहीं पता हां इतना तो पता है कि आस्था ही अंधविस्वास है, दुनिया वाले कहते है की इस दुनिया को भगवान ने बनाया है लेकिन ऐसा बिल्कुल नहीं है हम सब ने भगवान को बनाया है, आज तक किसी ने नहीं नहीं देखा है भगवान को इंशान को बनाते हुए, हां लेकिन इंशान को भगवान को बनाते हुवे सभी ने देखा है,ये कैसा अंधकार छाया है लोग अपनी आँखों से देखि बात को नहीं मानते लेकिन किसी मुर्ख के कहने कुछबताने पे तुरंत मान जाते है, क्यों की अंधकार को फैलाने के लिये लोगो के दिलो में डर पैदा कर दिया गया है कि तुम नर्क में जाओगे और तुम शवर्ग में , मुझे समझ में नहीं आता की आखिर शवर्ग है कहाँ क्या किसी ने देखा है जड़ा सोचो लोग चाँद पे जा सकते है तो शवर्ग होता तो क्या वहां हमारे वैज्ञानिक नहीं पहुच जाते ,चलिये मैं मान लेता हूं कि शवर्ग है फिर लोग क्यों कहते है कि दुनिया भगवान के मर्जी से चलती है, हिंदू धर्म के ग्रन्थों में भी लिखा है की भगवान के मर्जी के बिना पत्ता भी नहीं हिलता है , अगर हमारी सारी क्रियाये भगवान ही करता है तो हम क्या करते है, फिर शवर्ग और नर्क की स्थापना किस लिए की गयी है ,फिर किस लीए  शवर्ग और काहे का नर्क , जब सब कुछ भगवान करते है तो पाप कौन करता है, कुछ मूर्खो का मानना है कि हमें उस जनम की सजा इस जनम में मिलती है और इस जनम की सजा उस जनम में मिलेगी, आखिर कैसी सजा है ये जिस जन्म के बारे में हम कुछ नहीं जानते उस जन्म की सजा कैसी ! बिना गुनाह बातये सजा देने सबसे बड़ा पाप है, क्या आप का भगवान पापी है,कुछ मूर्खो का मानना है की इस दुनिया को भगवान ने बनाया है, अगर ऐसा होता तो नेपाल में भूकंप नहीं आता नाजाने कितने लोग अनाथ और बेघर हो गए, जो बना सकता है वो बिगाड़ नहीं सकता है,अंधकार से निकलो नहीं तो ईस अँधेरे में खो जावोगे और दुनिया कैसी है कभी देख नहीं पाओगे क्यों की अंधेरे में कुछ नहीं दिखाई देता हैं,गौतम बुद्ध ने 5 हजार साल पहले कहाँ था दुनिया स्वेम से स्वचलित है इसे कोई संचालित नहीं कर रहाहै, भगवान का कोई आस्तित्व नहीं है यही सत्य है,भगवान पे आश्था रखने वाले लोग मानशिक रोगी है और ये रोग भारत में चर्म शिमा में फैला हुवा है, और सबसे मुर्ख तो मुझे इशाई लोग लगते है उनकी बाइबल जब मैं पड़ा तो मेरी हशी का ठिकाना नहीं रहा , वो लोग बोलते है की इशाई बन जाओ नहीं तो नरक में जाओगे अरे मूर्खो मुझे इशाई बनान होता तो तुम्हारा गोड मुझे इशाई धर्म में पैदा करता ,तुम्हारे बाइबल और हिन्दू  धर्मरो के गर्न्थो की हिसाब से दुनिया को भगवान ने बनाया है इस धरती पे जो हो रहा है सब वो ही करता है मुझे के बात बिलकुल समझ में नहीं आती है की फिर उसने मुझे नास्तिक क्यों बना दिया मेरे अंदर उससे तर्क करने की शक्ति कहा से मिली है ,
       देखा जाये तो जीतन भी धर्म है वो अपने सम्रदाय को बढ़ाने के लिए सभी सम्प्रदाय के लोगो ने एक काल्पनिक किताबे लिखी है जिसमें  डर दिखाया गया है ताकि उस डर से लोग उस सम्प्रदाय जुड़े  रहे ,लेकिन इससे बहुत ही बुरा असर पड़ा है समाज पे हम किस और जा रहे है कुछ पता नहीं है करोडो अरबो रूपये देश का अंधकार की आग में हर रोज जल रहा है ,पड़े लिखे लोग इसका बढ़ावा दे रहे है , भारत की राजनीती धर्म और जाती पे ही टिकी है , अगर जाती और धर्म को हटा दिया जाये तो भारत की राजनीती में एक नया सवेरा हो जाइएगा जिससे सबको फायदा होगा ,आप सोचते होंगे वो कैसे चलिए मैं आप को बताता  हु कैसे बहुत ही सिंपल सा लॉजिक है ,

   जाती धर्म से राजनीती पे दुष्प्रभाव  :-

   
आज जब भी कोई उमीदवार चुनाव में खड़ा होता है तो सबसे पहले उसकी जाती देखि जाती है चाहे वो कैसा भी हो गुंडा हो चोर हो इससे कोई मतलब नहीं हमारी जाती का है हमें सपोर्ट करना है यही बात सबके दिमाग में होती है ,सबको पता होता है की वो जितने के बाद हमें ही सपोर्ट करेगा ,और ऐसा ही होता है वो जितने के बाद अपने ही जाती के लोगो को सपोर्ट करता है और उन्ही का विकाश करता है बाकि सभी जातीय  5  शाल के लिए पीछे हो जाती है उनका विकाश रुक जाता है ,भारत कहके लिए एक देश है लेकिन देखा जाये तो सब अलग अलग है मैं नहीं मानता की की भारत एक देश है ,
   अगर जाती और धर्म को हटा दिया जाये तो जब भी कोई नेता चुनाव में खड़ा होगा  तो लोग सबसे पहले  उसका  बैकग्राउंड  देखेंगे की कही वो गुंडा बदमास  चोर  बदमास तो नहीं   है  , क्यों की जाती तो रहेगी ही नहीं जिससे उसकी पहचान होगी की वो किस सम्प्रदाय का है ,और वो सबकी भलाई करेगा क्यों की सब एक जैसे नजर आएंगे क्यों धर्म  नहीं रहेगा 
       अगर आप को मेरे बिचार सही लगे तो निचे टिपड़ी करे   
महानास्तिक - अरुण गौतम (8933861601)

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