शनिवार, 18 फ़रवरी 2017

कितनी शर्म की बात है

कितनी शर्म की बात है ना हम अपने ही देश में अपनी आजादी की भीख मांग रहे है ,हमें अपने ही देश में हर चीझ से बंचित किया जा रहा है ,धीरे धीरे सारे अधिकार छिनते जा रहे है और हम बस तामस देख रहे है महान है वो लोग भाई हम लोगो से तो महान ही है जो 15% दूसरे देश से आके 85% पे राज कर रहे है , मुझे कुछ समझ में नहीं आता वो लोग भी अपने ही है उनके भी दादा परदादा यही जन्मे है वो भी शान से अपने को मूलनिवासी बोल सकते है हम उनका कुछ नहीं कर सकते अब हमें जरुरत है बाबा साहब की लेकिन अपने घर में नहीं दूसरे के घर में ,साल आरक्षण क्या मिलगयाहम लोग गहरी नींद में सो गए और जब जगे तो पता चला की हम लोग सो रहे तोवो लोग नहीं उन्होंने तो फिर से छीन लिया रोओ बैठ के इसके अलावा कर भी क्या सकते हो

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